Wednesday, 3 January 2018

सुनो ना,
‎चलना कभी साथ में अस्सी घाट
‎वहां बैठकर करेंगे दिल की बात
‎और जलक्रीड़ा  करते हुए तुम्हें
‎"मोहतरमा" से "प्रियतमा" ना बनाया तो
‎"राहुल" मेरा नाम नहीं
सुनो....
एक पौधा लगाउँगा
तेरे नाम का
अपने आँगन में
सूरज की लालिमा
आयेगी तेरे ऊपर से होते हुए
मेरे आँगन में

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