Saturday, 30 September 2017

हमारी मानसिकता कैसी है...

चार दोस्त बैठकर बात कर रहे थे.....
# बलात्कार के बारे मे चर्चा चल रही थी......
एक बोला- साले हरामी है जो रेप करते है सालो को लटका दो....
दूसरा बोला -अरे हाँ यार .....मैने भी न्यूज मे देखा था ऐसे को तो कुत्ते कि मौत मारना चाहिये...
तीसरा बोला-अबे तुने सूना के नही कल अपने यहा भी एक बलात्कार का केस हुआ....
चौथा -अरे क्या बात करता है कहा पर ? और मुझे नही पता...
पहला-अरे हाँ ! सुना तो मैने भी कौन थी वो लड़की....
चौथा-अबे वो वर्मा कि लड़की नही है अबे वो ही जिसका दुप्पट्टा खींचकर भगा था मैें.....
दूसरा-अब हां वो क्या नाम था उसका यार ... हा याद आया रीता ना ?
तीसरा-हाँ वो रीता जिसका चक्कर उस राहुल के साथ था , ....नहीं बे वो मानी कहा थी
चौथा-हाँ यार और उसी राहुल पर बलात्कार का इल्जाम भी है.....
पहला-क्या बात करता है ? अरे पर मैने तो सुना था कि वो एक दूसरे के दोस्त है....
तीसरा -पता नही यार सुना तो मैने भी था पर अपने को क्या यार....
चौथा -अबे मैने उसे एक बार प्रपोज किया था साली ने मना किया था अब भुगत.....
पहला-क्या सही मे अरे तब तो ठीक हुआ अब पता चलेगा अच्छा कौन बुरा कौन.....
तीसरा -चल छोड ना फालतू कि बात को जैसी थी वैसा मिला अब अपने को क्या वो जाने उसका काम जाने.....
"अबे उधर देख जल्दी तुम्हारी बातो के चक्कर मे आयटम निकल गया"
"अबे तुने इसे प्रपोज करा कभी ?"
पहला-अबे एक बार किया तो है अभी तक जवाब आया नही.....
तीसरा-तुझे तो मना ही करेगी बे.....
पहला-कसम से अगर मना किया तो एक दिन चपेट मे ले लूँगा फिर क्या उखाड लेँगी.....
चौथा -पागल है क्या साले फट जायेगी अगर केस हुआ तो ?
पहला-अरे एक बार मे ना मानी तो साली के चेहरे पर तेजाब फेक दूंगा फिर बैठी रहेगी जीँदगी भर.....
(फिर एक जोरो कि हँसी कि आवाज आयी)
कुछ दिनो बाद खबर थी अखबार मे वर्मा कि जी कि लड़की ने खुदखुशी कि और अरोपी नाबालिग साबित हुआ , बाल सुधार गृह भेजा गया.....
नीचे खबर थी आज एक लड़की पर तेजाब फेका गया आरोपी जमानत पर रिहा ....
( ये हमारे समाज के युवा वर्ग की सोच और वर्तमान कानून की हकीकत है.... )
ऐसे में कहा लेकर जाए अपनी बेटिया कैसे उन्हें बचाये

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